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शनिवार, 17 अगस्त 2024

Top Short Stories in Hindi That Every Literature Lover Should Read



1. "Prem Chand Ki Kahaniyan" by Munshi Premchand
2. "Kafan" by Munshi Premchand
3. "Tamas" by Bhisham Sahni
4. "Godan" by Munshi Premchand
5. "Panch Parmeshwar" by Premchand
6. "Ek Tha Gadha" by Dharamvir Bharati
7. "Khuda Ki Basti" by Shaukat Siddiqui
8. "Rashmirathi" by Ramdhari Singh 'Dinkar'
9. "Intequam" by R.K. Narayan
10. "Kabuliwala" by Rabindranath Tagore.

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. "Prem Chand Ki Kahaniyan" by Munshi Premchand

साहित्य का यह युग प्रेमचंद के अवकाशन पाठकों के लिए हमेशा एक अनमोल रतन रहेगा। उनकी लगाव की कहानियों में ऐसा कुछ है की हिंदी कहानी को भी अपनी शान मान मिली है। उसके लौह स्वभाव में चुपके से गहराई ।

सुंदर थिये, मार देते किसी भाव को न जाने देते उसकी कहानियाँ। कभी वह भीम बनकर किसी रागों में हाध हो उठते; अक्सर उनकी कहानियां वैष्णवा झलक बिंदु की मैत्री के किस्से जैसे मुख्य भाव से मूर्त होती। समय-समय पर अपनी जुबान अपने इष्ट को बयान करके, वे बुद्धि का साहस पराक्रम करते रहे।

जैसे प्रेमचंद की रचनाएं, उत्कृष्टता का परिचय देने का हुनरु है यह काव्यशिल्पी महानिर्वाचन में एक विशेषता को पायी जा सकती है। जिनकी लिखी गई कहानियों देवाछरिता के किस्से हैं। उनकी कहानियों में कोई अंधकार नहीं है, वह उम्मीद है, विचार है, जिस से जीवन की रुपरेखा बनती है। अंधकार की सत्यता नहीं सृष्टिअर्थ की सत्यता, उम्मीद की सत्यता, मंद भावों में कोई अर्थ नहीं है, मंद भावों से काम नहीं चलेगा।

"नाधनू मुक्तिश ऩऊ भाबा", वास्तव में मानव के रिपाये एक मात्र वेयूच्‍या में है। "इसलिए मंदन में निवृत्तिना", मनुष्य की प्रवृत्ति ही कारण है। प्रेमचंद की रचना की तुलना में, गुनवत्ता के अनंत व्यापार के माध्यम से मनुष्य का दर्ज किया जा सकता है।

उन्होंने स्त्री, भोजन, देश विशेष गहनत्व, धीरे-धीरे ही खो देने वाले बलिदान के विचार, आत्मनिंदन, ऊपरी आदि और गरिमा में सबसे मुख्य आईडिया के साथ अपनी लेखनी को सुंदर रुप दिया। उनके किस्से अटूट काल के भाव एवं भावनाओं को एक जूत दिया है।

महात्मा गांधी का कहना था "अगर तुम ने प्रेमचंद की कहानिया पढ़ी है, तो तुम ने भारत की जीवन कार्यकारीता को समझा है।"् प्रेमचंद अपनी कहानियों से समाजीक, सामाजिक और राजनीतिक कुरीतियों की गुहरे पर आक्रोश होती सक्षमता को बताने का प्रयग करते हैं।

उनकी कहानियों में समाज का वह सच किया है, जिसका कोई भी कोई व्यक्ति उभाव नहीं कर सकता। वह सीखाते हैं की घोर वसूरत को बहुत डूबके है, सच्चाई के अघंययह कह जूनीत है।

उनकि कहानियां, उनका लेखन मे इसलिए मानवता के हे प्रतिष्ठान मे उंचा है। वे वहाँ पाठक को पहेचान करने का हे ईरादा रखते हैं। उनकी कहानियां "समस्त…सुमहमा तीव्र…”् पाठक को चूम जाये एवं सोख जाये ये, अपने भविष्य की यथार्थ देखेगा।

पाठकों के दिल मे वहां अप्रत्यक्ष स्थत प्रेमचंद की भावनाओ का भास रहता है, सोच यही होती है “मक्सूती के पात्र ही वा मे प्रेमचंद के ईहुदारोा की पहचान है, भले ही मेरा टोटा बठ्ठक का प्रकार हो, लेकिन फ्रेम वे लिखी गई हो”्

साहित्य की इस भविष्यविद की रोश्नी में पूज bells को कौन नही चांदा। लाइलाज विरह एवं परिश्रम की भावना को समझाने के लिए उसकी इस कोशिश को बेहद प्रेरणादायी कहके न हमेशा दाते जाएगी।



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एक ऋषि की कहानी -:


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2. "Kafan" by Munshi Premchand काफन एक प्रेरणा :-

अल्लादीन को सुबह के समय जगाने के लिए उसकी आंखें धीरे-धीरे खुल रही थीं। वह उछलकर बिस्तर से उठा और खिड़की के अगले किनारे पर अपनी प्रिय बहन फ़रज़ाना के चेहरे पर ध्यान दिया। उसके चेहरे पर एक लज़वंत आशीर्वाद की मुस्कान थी, जो उसे परिवार के साथ एक और दिन की शुरुआत के लिए प्रेरित करती थी।

अल्लादीन ने चुपचाप बिस्तर छोड़ दिया और उसके पास लंबी पंखुड़ी वाला काला काफ़न था, जिसे उसने अपने पादरी द्वारा सुनाया था। वह देखा कि किसी ने उसके अंदर कपड़ा डाल दिया था, जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ गया।

अल्लादीन ने जल्दी से धोये हुए और ताजगी से बाहर निकली। उसने अपनी बहन को चुमा और चला दिया। वह अपने दोस्त एली के पास गया, जिसके पास पिछले रात को उसने काफ़न के लिए कुछ पैसे लिए थे।

एली एक अच्छा दोस्त था, और बिना किसी सवाल के वह उसके पास जाकर घुसा। वह उसे एक चौकस बजे सुबह को सुनाई गई कहानी के बारे में बताया। ईश्वर ने एक आम इंसान से वासुकि, एक असाधारण आदमी को काफ़न बांधने का काम सौंपा था।

अल्लादीन प्रेरित हो गया था। उसने विचार किया कि क्या उसे यह संभावित है कि उसकी किस्मत भी एक दिन बदल सके। वह उसके दोस्त के पास गया और उससे काफ़न बांधने का काम प्राप्त करने के बारे में सोचा।

एली ने दिन के अंत तक सब कुछ व्यवस्थित किया, और एक महीने के बाद, अल्लादीन को उसकी पहली काफ़न प्राप्त हुई। उसे उसकी क्षमताओं का हिसाब देकर मिलने वाला प्राथमिक कार्य दिया गया था। उसे काफ़न के कैसे संभालना है, उसके साथ कैसे अच्छी सेवा देनी है, और जैसे मृतक के परिवार को मुकदमा करना हुआ था, उसे सब कुछ सीखा गया था।

अल्लादीन अब बहुत खुश था। उसे एक महीने का अनुभव मिला था, जिसने उसे उसकी जिंदगी में एक नया मकसद दिया था। वह जानता था कि उसका काम अहम है, और उसने सावधानी से खूबसूरती से किया था।

एक दिन, अल्लादीन को एक कारण के लिए स्थानांतरित किया गया। उसने जान्ने का सामान सम्भालकर दूसरे जगह को पहुंच गया। वहाँ जाकर उसे अपने पुराने दोस्त पार्टनर के साथ सामना हुआ।

पार्टनर ने कहा, "तू काफन का पहला हस्तक्षेप है। हमें नहीं पता था कि तू इतना मज़बूत है। यह तेरे लिए एक बड़ी कामयाबी है।"

अल्लादीन ने ध्यानसिंधु मनोबल से कहा, "हां, मेरे लिए यह सचमुच एक बड़ी कामयाबी है। मेरे लिए यह सचमुच एक बड़ा मौका था, और मैंने उसे खोया नहीं।"

उसने अपने पार्टनर को सांत्वना देते हुए कहा, "मेरे लिए उसके काम का अर्थ नहीं है। मेरा मकसद उत्कृष्टता की ओर पहुंचना है।"

अल्लादीन के उत्कृष्टता की राह पर आगे बढ़ते हुए, उसकी क्षमताओं की दृढ़ता और उसकी आत्म-सम्मान ने उसे एक नया दृष्टिकोण दिया। वह जानता था कि उसका काम महत्वपूर्ण है, और उसने अपने उद्देश्य को पराजय करने के लिए हर संभावित प्रयास किया।

वह जुगाड़ के साथ काम करता था, और कभी-कभी उसने अपने जीवन में जो था, उसमें संतोष पाया था। लेकिन फिर भी, उसने कभी स्थिरता का भावनात्मक अनुभव नहीं किया था।

उसने एक दिन अपनी प्रिय बहन से अपनी चिंता साझा की। वह बोला, "मेरे पास काफ़न है, लेकिन दिल में आत्मविश्वास की कमी है। मैं अपने आप को काम संसाधित करने के बाद भी असफल मानता हूं।"

उसकी बहन ने कहा, "तू जानता है, काफ़न तुझे सिर्फ एक काम देता है। वह तुझे आत्मविश्वास नहीं दे सकता। तू उसको अपने आप में नहीं ढूंढ सकता।"

अल्लादीन ने सोचा, "हाँ, इसमें कोई संदेह नहीं है। मैं अपने आप को ध्यानित करसकता हूं।"

उसने अपनी इच्छा की डंक को सुनते हुए काम पर लग गया। वह काम करता रहा, और धीरे-धीरे अपनी क्षमताओं की मदद से अच्छे दिन आने लगे।

कुछ समय बाद, एक दिन उसकी बहन के आगमन पर, उसका अंतिम संदेश बोलता है।

"काफ़न तुझे सिर्फ एक काम देता है, लेकिन तू उसके द्वारा अपने अंदर की ताकत नहीं ढूंढ सकता। अद्भुत कार्य को करने के लिए तू अपने आप की ओर देखना होगा। तू अपने अंदर की ताकत को पहचानने के लिए तैयार नहीं है।"

अल्लादीन ने अब यह जान लिया था कि काफ़न उसकी ताकत का प्रतीक नहीं है, बल्कि उसकी आत्मविश्वास और प्रेरणा की गहराई का प्रतीक है। उसने जान लिया था कि वह अपनी जिंदगी को सही दिशा में ले जाने के लिए उसकी इच्छाशक्ति और धैर्य जरूरी होती है। उसने जान लिया था कि वह खुद को बदल सकता है, और मेहनत और निरंतर प्रयास से वह अपने सपनों को पूरा कर सकता है।

अल्लादीन ने एक नया विश्वास और धैर्य पाया था, और उसने अपने सपनों की पूर्ति के लिए संकल्प दिया। उसने अपनी जिंदगी को एक नए रास्ते पर ले जाने का निर्णय किया और उसने देखा कि कैसे वह काफ़न के साथ अपने सपनों को पूरा करने में सफल होता है।



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एक ऋषि की कहानी -:

एक बार की बात है । एक ऋषि ने एक कौवे को अमृत की तलाश में भेजा लेकिन कौवे को ये चेतावनी भी दी कि केवल अमृत के बारे में पता करना है उसे पीना नहीं है अन्यथा तुम इसका कुफल भोगोगे । कौवे ने हामी भर दी और उसके बाद सफेद कौवे ने ऋषि से विदा ली ।


एक साल के कठोर परिश्रम के बाद कौवे को आखिर अमृत के बारे में पता चल गया । वह इसे पीने की लालसा रोक नहीं पाया और इसे पी लिया जबकि ऋषि ने उसे कठोरता से उसे नहीं पीने के लिए पाबंद किया था । सो उसने ऐसा कर ऋषि को दिया अपना वचन तोड़ दिया ।


पीने के बाद उसे पछतावा हुआ और उसने वापिस आकर ऋषि को पूरी बात बताई तो ऋषि ये सुनते ही आवेश में आ गये और कौवे को शाप दे दिया और कहा क्योंकि तुमने अपनी अपवित्र चोंच से अमृत की पवित्रता को नष्ट किया है इसलिए आज के बाद पूरी मानवजाति तुमसे घृणा करेगी और सारे पंछियों में केवल तुम होंगे जो सबसे नफरत भरी नजरो से देखे जायेंगे । किसी अशुभ पक्षी की तरह पूरी मानवजाति हमेशा तुम्हारी निंदा करेगी ।


और चूँकि अमृत का पान किया है इसलिए तुम्हारी स्वाभाविक मृत्यु नहीं होगी । कोई बीमारी भी नहीं होगी और तुम्हे वृद्धावस्था भी नहीं आएगी । भाद्रपद के महीने के सोलह दिन तुम्हे पितरो का प्रतीक मानकर आदर दिया जायेगा । तुम्हारी मृत्यु आकस्मिक रूप से ही होगी इतना कहकर ऋषि ने अपने कमंडल के काले पानी में उसे डुबो दिया । काले रंग का बनकर कौवा उड़ गया तभी से कौवा काले रंग के हो गये ।


Video:- 🔗लिंक

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एक ऋषि की कहानी  :-


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3. "Tamas" by Bhisham Sahni

तमस भीष्म साहनी की प्रसिद्ध कहानी


भीष्म साहनी के प्रसिद्ध उपन्यास "तमस" में उन्होंने भारत के विभिन्न समाजिक मुद्दों पर प्रकाश डाला है। देश के एक गाँव में एक गरीब परिवार की कहानी को उन्होंने अपनी कठोर और सतर्क दृष्टि से दर्शाया है।


गाँव का नाम था रामपुर। वहाँ के लोग बहुत गरीब थे और जीने की हालत भी बहुत कठिन थी। एक परिवार था जिसका नाम था चम्पा दास का परिवार। चम्पा दास एक मजदूर था और उसकी पत्नी कमला देवी भी कुटुंब की आजीविका में सहायता करने के लिए किसानी करती थी।


चम्पा दास का छोटा सा घर गरीबी और संकटों से भरा हुआ था। उनके छह बच्चे थे, जिन्हें एक साथ इस तंगी से गुजरना पड़ता था। चम्पा दास ने हमेशा कोशिश की कि वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पाए, परंतु उनकी वित्तीय स्थिति इतनी दयाखोर नहीं थी।


एक दिन गाँव में एक स्वर्ण जुबान वाले आदमी ने गुरू जी बनकर अपनी धार्मिक कथा सुनाने शुरु की। उसने लोगों को धार्मिकता के महत्व के बारे में बताया और उन्हें धर्म के अनुसार जीने के लिए प्रेरित किया।


चम्पा दास भी उस कथा में शामिल हो गए और उनका मन धार्मिकता की ओर से आकर्षित होने लगा। उन्होंने अपने बच्चों को भी धर्म के महत्व के बारे में बताना शुरु किया।


कमला देवी ने भी उस कथा को सुना और एक निर्णय लिया कि उसे और उसके परिवार को भी धर्म का पालन करना चाहिए। उसने चम्पा दास से कहा, "हमें अपने बच्चों को समझाना चाहिए कि धर्म ही मार्गदर्शक है।"


चम्पा दास और कमला देवी ने अपने बच्चों को धर्म का महत्व समझाना शुरु किया। वे उन्हें यह बताया कि धर्म ही एक मार्गदर्शक है और यदि हम उसका पालन करें, तो हमें सही राह पर चलने में मदद मिलेगी।


चम्पा दास के बच्चे भी उसके शब्दों को समझने लगे और धर्म के महत्व को समझने लगे। वे शांति और समृद्धि के लिए धर्म का पालन करने लगे।


एक दिन गाँव में एक दंपति की मौत हो गई। वह एक लंगर स्थल पर काम करते थे और उनकी मौत से गाँव के लोग बहुत उदास हो गए। उस दिन गुरू जी ने उनसे सम्पर्क किया और उन्हें संतोष के साथ मृतक के आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने के लिए कहा।


चम्पा दास और उसके परिवार ने गुरू जी के संगठन में शामिल होकर उस मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने उसकी आत्मा को शांति की प्राप्ति के लिए यज्ञ किया और उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई।


इस घटना के बाद चम्पा दास और उसके परिवार के सभी सदस्यों का विश्वास और धर्म के प्रति और भी मजबूत हो गया। वे अब जीवन की हर संघर्ष को धीर और अच्छी तरह से संभालने लगे।


इस प्रकार, चम्पा दास के परिवार ने धर्म का महत्व समझकर एक सकारात्मक बदलाव किया और जीवन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास प्राप्त किया। उन्होंने सभी मुश्किलों का सामना किया और उन्हें धीरज और संघर्षशीलता से निपटा।


इसका सबक यह है कि धर्म ही हमारी जिंदगी में मार्गदर्शन करता है और हमें सही राह पर चलने में मदद करता है। अगर हम धर्म का पालन करते हैं, तो हमें सफलता की दिशा में गुड़िया मिलती है।

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Ek दुष्ट आत्मा का कहर हॉरर स्टोरी

- समाप्ति -

जादुई पेन वाला लड़का




Vijay ne jis din se wo jadui pen se mila, us din se uska jeevan hi badal gaya. Usne apne galtiyon ka ehsaas kiya aur apne par focus karne laga. Usne apne maa baap ko khush dekhna shuru kiya, jo pehle us par roj ki daat rehti thi. Vijay ki mehnat aur lagan ne use ek achhe insan banaya. 


Vijay ne apne padhai mein dhyan dena shuru kiya, aur har exam mein achhe marks laane laga. Usne apne jadui pen ki zarurat tak nahi mehsoos ki, kyun ki ab usne khud ko hi ek jadui pen samjha. Usne apne jadui pen ke bina bhi achhe marks laane ki takat apne andar paayi. 


Ek saal ke baad, Vijay ne apna board exam diya aur usme bhi top kiya. Usne apne maa baap ko khushiyo ki aasmani khushiya di. Unke maa baap ka garv us par dekha nahi ja sakta tha. Vijay ka safar aage badh gaya, lekin usne kabhi apne jadui pen ko bhool nahi paya. 


Usne aage badhkar ek acche college mein admission liya aur apne sapno ki udaan bharne laga. Vijay ne apne jadui pen ki yaad mein ek novel likha, jisme usne apne safar ki kahani bayan ki. Uska novel hit ho gaya aur usne apne naam ko desh ke har kone tak pahuchaya. 


Vijay ne apne jadui pen ki yaad mein ek NGO bhi start ki, jisme wo garib bachon ki madad karta hai. Usne apne safar ki madad se dusron ki zindagi mein bhi chamak lai. Usne jadui pen ki parchayi ko apne dil mein basaya aur usne har mushkil ko apne dam par paar kiya. 


Vijay ka safar ek budhu ladke se ek safal insaan tak tha. Usne apne jadui pen ki madad se apne sapne poore kiye aur apne maa baap ka naam roshan kiya. Usne sabit kiya ki kabiliyat aur mehnat se koi bhi mushkil asaan ho sakti hai. 


Is kahani se humein ye seekh milti hai ki kabhi bhi haar nahi manni chahiye, aur hamesha apne aap par vishwas rakhna chahiye. Har mushkil ka samna karke hi hum apne asli potential ko pehchaan sakte hain. Vijay ne apne jadui pen se nahi, balki apne dil se jeet hasil ki, jiska asar uski safalta mein dikh raha tha.





4. "Godan" by Munshi Premchand 

Godan" by Munshi Premchand is a classic novel that revolves around the life of a poor farmer named Hori and his struggles in a society where the rich exploit the poor for their own gain. The novel touches upon various themes like poverty, class divide, corruption, and the exploitation of farmers by moneylenders.


Hori is a hardworking farmer who dreams of owning a cow, as it is considered a symbol of wealth and prosperity in the village. However, due to his poverty, he is unable to fulfill his dream. His wife, Dhania, constantly nags him about their financial situation and urges him to find a way to buy a cow.


One day, Hori meets a moneylender named Bhola, who offers to lend him money to buy a cow. Hori is overjoyed and agrees to the deal, unaware of the consequences that will follow. Bhola is a cunning and dishonest man who exploits Hori's ignorance and innocence for his own benefit.


As soon as Hori buys the cow, Bhola manipulates him into signing a document that states the cow is mortgaged to him until the debt is repaid. Hori is shocked and devastated to learn that he has been tricked by Bhola. Despite his best efforts, he is unable to repay the debt, as the interest keeps accumulating each month.


Meanwhile, Hori's daughter, Seli, falls in love with a young man named Jhunia, who belongs to a higher caste. The villagers oppose their relationship, as inter-caste marriages are forbidden in their community. Hori is torn between his daughter's happiness and the societal norms that he is expected to follow.


As Hori struggles to make ends meet and repay his debt, his crops fail due to a lack of rainfall. The moneylender, Bhola, threatens to seize his land and cow if he fails to pay off the debt. Hori is desperate and decides to sell his daughter's jewelry to raise money.


However, tragedy strikes when Seli falls ill and requires expensive medical treatment. Hori is forced to borrow more money from Bhola to save his daughter's life. Despite his best efforts, Seli passes away, leaving Hori and Dhania devastated.


In the end, Hori is left with nothing but regret and sorrow. He realizes that he was doomed from the start, as the system was stacked against him. The novel ends on a sad note, highlighting the harsh reality of life for the poor and marginalized in society.


"Godan" is a poignant and powerful novel that sheds light on the struggles of the common man in a society that is rife with inequality and injustice. Munshi Premchand's writing is both insightful and moving, making this novel a timeless classic that continues to resonate with readers today.

एक दुष्ट आत्मा महाशक्ति शॉर्ट स्टोरी कहानी जरूर देखें अभी क्लिक करे


यह कहानी एक लड़के के जीवन के बारे में है जिसका नाम विकास था। विकास एक गरीब परिवार से था और उसकी माता-पिता की उम्मीदें सभी उस पर थी। वह बहुत मेहनती और समझदार था और हमेशा अच्छे अकादमिक रिकॉर्ड के साथ पढ़ाई करता रहता था।


लेकिन एक दिन एक ऐसी स्थिति आई जिसने विकास को तोड़ दिया। उसकी माता पिता की उम्मीदें भी उसके साथ छोड़कर चली गई। उसने अपने लक्ष्य की ओर पलटने का निर्धारण किया और अपने आप को साबित करने का फैसला किया।


विकास ने मेहनत और हिम्मत से नए लक्ष्य की ओर सामंजस्य ढूंढ लिया और उसने अपने जीवन में एक नई राह चुनी। उसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष किया और अपने उद्देश्यों को हासिल करने में सफल हुआ।




इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमेशा अपने सपनों का पीछा करना चाहिए, चाहे जो भी हो विपरीत स्थिति हो। मेहनत, उम्मीद और अविचल निश्चय से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।

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